भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के प्रति बढ़ती दिलचस्पी और सरकार की आक्रामक नीतियों के बावजूद, दिग्गज अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी Tesla ने फिलहाल भारत में निर्माण करने की योजना से किनारा कर लिया है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को समाचार एजेंसी ANI को जानकारी दी कि Tesla भारत में निकट भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का स्थानीय स्तर पर निर्माण नहीं करने जा रही है।
Tesla की भारत में लॉन्चिंग की तैयारी, लेकिन निर्माण नहीं
Tesla भारत में अपनी कारों की बिक्री की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक प्रीमियम शोरूम स्पेस फाइनल कर लिया है। साथ ही, भारत में स्टोर मैनेजर्स, सर्विस टेक्नीशियन्स, और अन्य कर्मचारियों समेत 25 से अधिक पेशेवरों की नियुक्ति की जा चुकी है। यह सब संकेत देता है कि Tesla भारतीय बाजार में प्रवेश को लेकर गंभीर है।
इसके बावजूद, Tesla ने स्थानीय निर्माण इकाई स्थापित करने का कोई इरादा नहीं जताया है। कंपनी वर्तमान में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत अपने वाहनों की प्रमाणीकरण (Certification) और होमोलॉगेशन (Homologation) की प्रक्रिया में जुटी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो से तीन महीनों में Tesla भारतीय सड़कों पर अपनी पहली कार उतार सकती है।
भारत सरकार की EV नीति और Tesla की प्रतिक्रिया
मार्च 2024 में भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी और आकर्षक EV नीति की घोषणा की थी। इस नीति के तहत सरकार ने कंपनियों को निम्नलिखित लाभ देने का प्रस्ताव दिया था:
-
प्रति वर्ष अधिकतम 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर सिर्फ 15% आयात शुल्क
-
शर्त: कंपनियों को भारत में कम से कम ₹4,150 करोड़ (लगभग $500 मिलियन) का निवेश करके तीन वर्षों में स्थानीय निर्माण इकाई स्थापित करनी होगी
यह नीति विशेष रूप से Tesla जैसी बड़ी कंपनियों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी। इस योजना के लिए आवेदन जल्द ही शुरू होंगे और ये 15 मार्च 2026 तक खुले रहेंगे।
कड़ी होती शर्तें: Tesla के लिए चुनौती?
सरकार ने हाल ही में इस योजना में भाग लेने वाली कंपनियों के लिए न्यूनतम राजस्व लक्ष्य भी तय किए हैं।
-
चौथे वर्ष में ₹5,000 करोड़ का न्यूनतम राजस्व
-
पांचवें वर्ष में ₹7,500 करोड़ का राजस्व
-
यदि कंपनियां इन लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रहती हैं, तो उन पर 3% तक का दंड लगाया जा सकता है
यह कड़े मानदंड उन कंपनियों के लिए चुनौती बन सकते हैं जो बिना स्थानीय निवेश के केवल आयात करना चाहती हैं।
वैश्विक मोर्चे पर संघर्ष में Tesla
दुनियाभर में EV बाजार में ठहराव के संकेत मिल रहे हैं, और Tesla भी इससे अछूता नहीं है। 2025 की पहली तिमाही में Tesla की वैश्विक कार डिलीवरी में 13% की गिरावट और शुद्ध लाभ में 71% की भारी कमी दर्ज की गई। यह कंपनी की पिछले 10 वर्षों में पहली वार्षिक गिरावट है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि Tesla फिलहाल वैश्विक स्तर पर अपने संसाधनों को मजबूत करने और संकट से उबरने पर अधिक ध्यान दे रही है।
निष्कर्ष: भारत में Tesla की मौजूदगी सीमित लेकिन आशाजनक
Tesla का भारत में निर्माण शुरू न करना निश्चित रूप से एक निराशाजनक खबर हो सकती है, लेकिन कंपनी की बाजार में सक्रिय तैयारियों को नकारा नहीं जा सकता। शोरूम खोलने, टीम नियुक्त करने और वाहन प्रमाणन प्रक्रिया में शामिल होने जैसे कदम इस ओर इशारा करते हैं कि Tesla भारत को एक लॉन्ग टर्म मार्केट के रूप में देख रही है।
यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो आने वाले महीनों में भारतीय ग्राहक Tesla की कारें भारतीय सड़कों पर देख सकेंगे।