परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु धमकी को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने वीर सैनिकों के साहस को समर्पित करते हुए कहा, “मैं अपने देश की हर माँ, बहन और बेटी को हमारे सैनिकों का पराक्रम समर्पित करता हूँ। ऑपरेशन सिंदूर न्याय के प्रति एक अटूट संकल्प है।”
आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश
रविवार रात को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह आतंकवाद का युग भी नहीं है। उन्होंने आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “एक दिन पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद उसे ही समाप्त कर देगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद पर नई सीमाएँ खींच दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ इसलिए निलंबित किया क्योंकि पाकिस्तान ने नुकसान के बाद विश्व समुदाय से गुहार लगाई। लेकिन भारत पाकिस्तान की गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए रखेगा।
भारत का निडर प्रतिरोध
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान इस हमले के बाद “लाचार और निराश” महसूस कर रहा है। इस हताशा में उसने भारत के स्कूलों, मंदिरों, गुरुद्वारों और आवासीय क्षेत्रों पर हमला किया। लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली के समक्ष उनके ड्रोन और मिसाइल बेअसर हो गए। भारत ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर आक्रमण किया, जिससे उनका सामरिक ढांचा ध्वस्त हो गया।
शांति का मार्ग और शक्ति
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मोदी ने भगवान बुद्ध की शिक्षा का स्मरण करते हुए कहा कि शांति का मार्ग भी शक्ति से ही उत्पन्न होता है। उन्होंने विश्व से कहा कि पाकिस्तान से बातचीत सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर ही होगी।
सशस्त्र बलों को सलाम
प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम को सलाम किया। उन्होंने सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों की वीरता की सराहना की। मोदी ने पहलगाम हमले का भी जिक्र किया, जिसमें निर्दोष लोगों से उनके धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही सरकार ने आतंक के खिलाफ सशस्त्र बलों को खुली छूट दी।
न्याय का अखंड संकल्प: ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के मुरिदके और बहावलपुर में स्थित आतंकवादी अड्डों को “वैश्विक आतंकवाद के विश्वविद्यालय” करार दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने एक ही झटके में 100 से अधिक खतरनाक आतंकवादियों का सफाया कर दिया। यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि न्याय के प्रति प्रतिबद्धता थी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में स्पष्ट किया कि आतंकवाद और बातचीत, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करता रहेगा और दुश्मन शक्तियों से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।