Tuesday, June 3, 2025
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गलती है उसका नाम: प्रोफेसर और मंत्री पर कार्रवाई की तुलना कांग्रेस ने की

विपक्ष का सवाल: तेज कार्रवाई बनाम धीमी जांच

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए स्पष्ट रूप से उस प्रोफेसर के खिलाफ तेज़ पुलिस कार्रवाई और मध्य प्रदेश के मंत्री के खिलाफ धीमी जांच के बीच समानता दर्शाई है।

नई दिल्ली: विपक्षी दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। प्रोफेसर को ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया, जबकि मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह, जिनके कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने पर हंगामा हुआ था, अब तक गिरफ्तार नहीं किए गए।

समाजवादी पार्टी का तंज

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर अप्रत्यक्ष कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ादी, और किसी के सच कहने पर भी गिरफ़्तारी।’ कन्नौज सांसद के इस बयान का अर्थ है कि सत्ता में रहने वाले दूसरों के खिलाफ अपमानजनक बातें कहने के बावजूद स्वतंत्र रहते हैं, जबकि सच बोलने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

प्रोफेसर की गिरफ्तारी का कारण

अली खान महमूदाबाद, अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर, को ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया। आरोपों में भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालना, सार्वजनिक शरारत को प्रोत्साहित करना, महिलाओं की मर्यादा का अपमान और धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना शामिल है।

महिला आयोग की प्रतिक्रिया

हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। प्रोफेसर ने ऑपरेशन सिंदूर ब्रीफिंग के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिना सिंह के चयन का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि वह खुश हैं कि दक्षिणपंथी टिप्पणीकार कर्नल की सराहना कर रहे हैं।

मंत्री के बयान पर बवाल

अखिलेश यादव ने प्रोफेसर के खिलाफ तेज़ कार्रवाई की तुलना मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले में धीमी प्रगति से की। विजय शाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

कांग्रेस का आरोप

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘नए भारत’ की स्थिति है जहां मोदी सरकार के तहत सच्चाई बोलने वालों को जेल में डाल दिया जाता है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि एक इतिहासकार और शिक्षाविद को हिंसा भड़काने के लिए नहीं, बल्कि इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल में डाला गया है।

निष्कर्ष

खेड़ा ने तंज कसा, ‘उसकी गलती सिर्फ इतनी है कि उसने यह पोस्ट लिखी। और दूसरी गलती है उसका नाम।’ यह बयान सत्ता के दुरुपयोग और स्वतंत्रता के अधिकार पर सवाल उठाता है।

 

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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