जो रूट, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान, अपने करियर में लगातार नई ऊंचाइयों को छूते जा रहे हैं। लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन रूट ने जो रिकॉर्ड बनाया, वह न केवल उन्हें आधुनिक क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शामिल करता है, बल्कि उन्होंने वह उपलब्धि हासिल की, जिसे विराट कोहली अपने 14 साल के टेस्ट करियर में नहीं कर पाए। लॉर्ड्स में रूट की शानदार पारी उनके पहले से ही शानदार करियर में एक और यादगार अध्याय जोड़ती है।
लॉर्ड्स में जो रूट का शानदार शतक:
जो रूट ने तीसरे टेस्ट में लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ अपना 37वां टेस्ट शतक पूरा किया। रूट, जो रात 99 पर नाबाद थे, ने केवल एक गेंद में अपनी बाकी रन पूरी की और चार रन मारकर शतक पूरा किया। 34 साल की उम्र में, रूट अब सचिन तेंदुलकर के टेस्ट रन के रिकॉर्ड को तोड़ने के शीर्ष दावेदारों में से एक हैं, और उन्हें तेंदुलकर से 3000 रन से भी कम की दूरी है।
भारत के खिलाफ रूट की निरंतरता:
इस टेस्ट मैच में रूट ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की – भारत के खिलाफ 3000 रन बनाने का। इस सूची में केवल स्टीव स्मिथ ही रूट के बाद आते हैं। स्मिथ ने इंग्लैंड के खिलाफ 3417 रन बनाए हैं, जबकि रूट 3000 रन के आंकड़े के करीब हैं। यह रूट की भारत के खिलाफ अपनी बल्लेबाजी की क्षमता को दिखाता है। इसके विपरीत, विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर में केवल 2232 रन ही बनाए हैं।
दबाव और रूट का जवाब:
रूट का यह शतक उस समय आया जब इंग्लैंड 44/2 पर था, और रूट को भारत के तेज़ गेंदबाजों से कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन रूट ने बिना किसी घबराहट के जबरदस्त बल्लेबाजी की और मैच को अपनी ओर मोड़ा। लंच के बाद, रूट ने अपनी बल्लेबाजी में और तेजी दिखाई और कवर ड्राइव और लेट कट्स खेलते हुए इंग्लैंड की पारी को संभाला।
जो रूट की एक क्लासिक पारी:
रूट की पारी खेल के प्रति उनकी समझ, धैर्य और अनुशासन को दिखाती है। रूट और ओली पोप की साझेदारी इंग्लैंड को शुरुआती झटकों से उबारने में मददगार साबित हुई। जब रूट ने अपना शतक पूरा किया, तो लॉर्ड्स के दर्शकों ने उनका स्वागत किया। यह उनका घरेलू मैदान पर 22वां शतक था और इस शतक के साथ रूट ने स्टीव स्मिथ के 36 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ा, यह साबित करते हुए कि वह इस पीढ़ी के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक हैं।
इंग्लैंड की स्थिति 251/4:
दूसरे दिन के अंत में इंग्लैंड ने 251/4 का स्कोर बना लिया था, जिसमें रूट क्रीज पर खड़े थे। रूट और कप्तान बेन स्टोक्स के बीच की साझेदारी ने इंग्लैंड को शुरुआती झटकों के बाद सकारात्मक स्थिति में ला खड़ा किया।
रूट की धरोहर और भविष्य की संभावनाएं:
रूट के हालिया प्रदर्शन ने यह फिर से सिद्ध किया कि वह इस खेल के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं। तीसरे टेस्ट के दौरान, रूट का प्रदर्शन इंग्लैंड के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ने की रूट की संभावना अब और मजबूत हो चुकी है, और अगर वह इसी तरह से खेलते रहे, तो यह समय की बात है कि वह क्रिकेट के इस प्रतिष्ठित रिकॉर्ड को अपने नाम कर लें।
निष्कर्ष:
जो रूट का लॉर्ड्स में शतक केवल उनके करियर में एक और मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह उनकी मानसिक मजबूती, स्थिति की समझ और दबाव में अच्छा खेलने की क्षमता को भी दर्शाता है। जैसे-जैसे रूट रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे हैं और क्रिकेट इतिहास को फिर से लिखते जा रहे हैं, वह न केवल इस पीढ़ी के महान बल्लेबाजों में अपनी जगह पक्की कर रहे हैं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी बनने की ओर भी बढ़ रहे हैं।