नई दिल्ली – देश में कोरोना वायरस फिर से सिर उठाने लगा है। सक्रिय मामलों की संख्या 2700 के आंकड़े को पार कर गई है। केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली एक बार फिर संक्रमण की मुख्य अगुवाई कर रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकतर पहले से बीमार थे।
संक्रमण के आंकड़ों में फिर उछाल
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 30 मई तक जारी आंकड़ों के मुताबिक, अकेले केरल में 1,147 सक्रिय केस हैं। सिर्फ 29 मई को ही वहां 227 नए मामले दर्ज किए गए।
महाराष्ट्र में 424, दिल्ली में 294, और गुजरात में 223 केस सामने आए हैं।
तमिलनाडु और कर्नाटक में यह आंकड़ा 148 है, जबकि पश्चिम बंगाल में 116 मामले दर्ज हुए हैं।
इस प्रकार, देशभर में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 2,710 तक पहुंच गई है।
मौतें और गंभीर मामले
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार:
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गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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महाराष्ट्र में दो मौतें दर्ज की गई हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में मृतकों को पहले से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं थीं, जिससे कोविड का असर घातक साबित हुआ।
सरकार की तैयारियां पूरी
केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने भरोसा दिलाया है कि सरकार ने हर संभावित चुनौती से निपटने की तैयारी कर ली है।
उन्होंने कहा—
“केंद्र सरकार का स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह सतर्क हैं। हमने राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों, आयुष सचिवों और संबंधित मंत्रियों से बात की है।”
उन्होंने आगे बताया कि पिछले कोविड लहरों के दौरान विकसित किए गए ऑक्सीजन प्लांट्स, आईसीयू बेड्स और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का गहराई से मूल्यांकन किया गया है।
“हमारी स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत है और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
क्या कहता है विश्लेषण?
2020 के बाद से लाखों जिंदगियां निगल चुकी यह महामारी अब एक बार फिर धीरे-धीरे सक्रिय हो रही है। हालांकि यह लहर अभी बड़ी नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता बेहद आवश्यक हो चुकी है।
निष्कर्ष
भारत की सरकार सतर्क है, संसाधन तैयार हैं, और स्वास्थ्य विभाग चौकस निगरानी कर रहा है। लेकिन जनता को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी — मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़ से दूरी बनाना अब फिर से जरूरी होता जा रहा है।
इस बढ़ते संक्रमण को सामूहिक सतर्कता और सरकारी योजना के संतुलन से ही नियंत्रित किया जा सकता है।