12 जून को एयर इंडिया फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। भारत के प्रमुख विमानन विशेषज्ञ, कैप्टन मोहन रंगनाथन, ने इस हादसे को जानबूझकर पायलट द्वारा किया गया कार्य बताया है। उन्होंने कहा कि ईंधन कट-ऑफ स्विच और कॉकपिट ऑडियो रिकॉर्डिंग्स के आधार पर यह संभावना जताई कि यह एक जानबूझकर किया गया हादसा हो सकता है।
कैप्टन मोहन रंगनाथन का बयान:
कैप्टन मोहन रंगनाथन ने NDTV से बातचीत में कहा, “यह पूरी तरह से मैन्युअली किया गया था। स्विच को ‘ऑफ’ करने के लिए किसी भी पावर फेल्योर या स्वचालित प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं थी, यह पूरी तरह से मैन्युअल रूप से किया गया था।” उनका यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाता है कि फ्लाइट के पायलट ने ईंधन स्विच को मैन्युअल रूप से बंद किया था, जिससे विमान का इंजन काम करना बंद कर दिया और हादसा हुआ।
हादसे का घटनाक्रम:
एयर इंडिया फ्लाइट 171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइナー, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान के दोनों इंजन 32 सेकंड के भीतर बंद हो गए, और विमान तेज़ी से नीचे गिरते हुए एक मेडिकल होस्टल से टकरा गया। इस हादसे में 241 लोग मारे गए, जिनमें 228 यात्री और 14 चालक दल के सदस्य थे। एकमात्र जीवित व्यक्ति यात्री 11A सीट पर बैठे ब्रिटिश नागरिक थे।
पायलट का मानसिक स्वास्थ्य:
रंगनाथन ने यह भी दावा किया कि कुछ एयर इंडिया पायलटों ने उन्हें बताया कि पायलट की मानसिक स्थिति संदिग्ध थी और वह कुछ समय से मेडिकल लीव पर थे। उन्होंने कहा, “अगर एयर इंडिया के शीर्ष प्रबंधन को इसके बारे में जानकारी नहीं थी, तो मुझे हैरानी होगी, क्योंकि कई पायलटों ने इसकी जानकारी दी थी।” इस बात को देखते हुए, रंगनाथन ने पायलट के मानसिक स्वास्थ्य पर और अधिक जांच की मांग की है।
ऐसी घटनाओं के उदाहरण:
रंगनाथन ने कहा कि यह घटना पहली बार नहीं हुई है। उन्होंने जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 (2015) का उदाहरण दिया, जिसमें को-पायलट ने जानबूझकर विमान को फ्रांसीसी आल्प्स में क्रैश किया था। इसके अलावा, अन्य संदिग्ध घटनाओं में मलयेशिया एयरलाइंस फ्लाइट MH370, एजीप्ट एयर फ्लाइट 990, और सिल्क एयर फ्लाइट 185 शामिल हैं।
मनोवैज्ञानिक सुरक्षा का अभाव:
रंगनाथन ने भारतीय एयरलाइनों और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पर कड़ी आलोचना की और कहा कि पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोई प्रभावी सुरक्षा उपाय नहीं हैं, जबकि कई पायलटों ने इसके बारे में चेतावनी दी थी। “पायलटों के लिए मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए कोई प्रोफाइल नहीं है। हम लगातार इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।”
निष्कर्ष:
एयर इंडिया फ्लाइट 171 के मामले में पायलट द्वारा जानबूझकर हादसा करने की संभावना ने एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रंगनाथन के बयान के बाद, अब यह आवश्यक हो गया है कि पायलटों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।