सावन का महीना कावड़ यात्रा का महीना, शिवजी को समर्पित व्रत जप और अध्यात्म का महीना,आज है आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा कल से शुरू होगा सावन। सावन के महीने को कावड़ यात्रा का महीना भी कहते हैं इस दिन शिव भक्त नंगे पैरों गंगा जी से गंगाजल लाकर अपने गांव अपने मोहल्ले की मंदिर में भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाते हैं। लिए जाने क्या है कांवड़ यात्रा और क्या तैयारी की है प्रशासन ने कावड़ यात्रा को सुगम बनाने की।
सावन का महीना कावड़ यात्रा का महीना
सावन के महीने में चलती है शिव भक्तों की कावड़ यात्रा और दूर-दराज से लोग गंगाजल अपने गांव शहरों में ले जाकर करते हैं भगवान शिव को स्नान।भगवान शिव को गंगाजल से स्नान अति प्रिय है। कहते हैं कि सावन के महीने में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय अमृत देवताओं को दे दिया था और स्वयं समुद्र मंथन से वासुकी नाथ की मंथन से निकले विष का विषपान किया था। देवताओं ने भगवान शिव की पीड़ा को हरने के लिए फिर उन्हें गंगाजल से स्नान कराया था।
आज भी भगवान भोलेनाथ को गंगाजल से स्नान अति प्रिय है। भगवान की भक्ति में भक्त नाचते गाते हुए बम बम भोले का जयकारा लगाते हुए गंगा जी की नगरी हरिद्वार जाते हैं और भगवान शिव के लिए गंगाजल लाकर भगवान शिव को समर्पित करते हैं।
भगवान शिव संभालेंगे एक महीने के लिए पृथ्वी का कार्यभार
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव पृथ्वी का कार्य भाग 1 महीने संभालेंगे भगवान विष्णु भगवान शिव को ही तो सृष्टि का कार्यभार देकर एकादशी के दिन आराम के लिए गए हैं। आखिर हमारे भगवान विष्णु को भी तो आराम की आवश्यकता है। तो सावन का महीना समर्पित है भगवान शिव को। भगवान शिव को पूरे महीने गंगाजल चढ़ाया जाता है।
भगवान शिव के भक्त पूरे महीने व्रत रखते हैं। भगवान शिव के रुद्राभिषेक सावन के महीने में विशेष रूप से कराए जाते हैं। सावन के महीने में व्रत त्योहार और जप करने का विशेष महत्व है। कहते हैं भगवान भोलेनाथ की तपस्या इस महीने में की जाए तो भगवान शिव आपकी अभिलाषा अवश्य पूर्ण करते हैं।
कहां होती है कावड़ यात्रा ?
कावड़ यात्रा के लिए दूर-दूर राज्यों से गंगाजल के लिए हरिद्वार आते हैं कावड़िये हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से हरिद्वार में आते हैं। हरिद्वार से गंगाजल भरकर फिर पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शुरू से होते हुए हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली उत्तर प्रदेश अपने-अपने शहरों अपने-अपने गांवों में जाकर वह जल चढ़ाते हैं।
कावड़िये यह दूरी पैदल चलकर ही तय करते हैं। जगह-जगह शिव भक्तों के लिए पंडाल लगाए जाते हैं। जहां पर उनके रुकने, उनके आराम की व्यवस्था की जाती है। पूरे देश में ही कावड़ यात्रा की जाती है बिहार में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किए जाते हैं। तो देश के अन्य भागों में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए जाते हैं वहां जल चढ़ाया जाता है।
प्रशासन ने की है इस बार विशेष व्यवस्था
कावड़ यात्रा के समय खुराफाती शक्तियां भी सक्रिय हो जाती हैं। कावड़ यात्रा के समय वाहन चोरी की, मोबाइल चोरी की घटनाएं भी काफी होती है। कुछ लोग कांवड़ियों का भेष बनाकर भी लोगों के घरों से चोरी करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में इस बार प्रशासन ने ऐसे अपराधियों को जो मोबाइल या वाहन चोरी करते हैं उनको बाउंड डाउन करने के कार्यवाही कर ली है।
इस कार्यवाही के अंतर्गत किसी भी प्रकार के आपराधिक प्रवृत्ति के गैंग जो वहां सक्रिय है इस तरह की घटनाओं को अंजाम न दे पाए इसकी पूरी व्यवस्था की गई है। प्रशासन जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगवा रहा है। जगह-जगह अतिरिक्त पुलिस वालों को तैनात किया जाएगा। ऐसे लोग जिनके ऊपर जरा भी संदेह है उनकी निगरानी रखी जा रही है जिससे कि कावड़ मेला शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जा सके।
कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़ियों के लिए बनाया गया है विशेष रूप से क्यूआर कोड सेवा
कावड़ यात्रा को अधिक सुरक्षित आरामदायक और सुविधाजनक बनाए जाने के लिए एक क्यूआर कोड सेवा की शुरुआत की गई है जो कि प्रशासन और धार्मिक आस्था के आपसी समन्वय को दर्शाती है। इस सेवा के द्वारा श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान सहायता मिलेगी।
प्रशासन इस सेवा के द्वारा भीड़ को आसानी से संभाल पाएगा मेडिकल इमरजेंसी, आपदा नियंत्रण जैसे पहलुओं पर भी यह क्यूआर कोड सेवा काफी मददगार साबित होगी इस क्यूआर कोड सेवा को सभी प्रमुख कावड़ मार्गो, शिविरों, साइन बोर्ड्स और महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
क्या होगा इस क्यूआर कोड सेवा में ?
इस क्यूआर कोड शिव को स्कैन करने पर आम यात्रियों को अपने मोबाइल पर नजदीकी शौचालय, स्वास्थ्य विभाग, जल पेट्रोल पंप, ढाबे, रेस्टोरेंट, थाना चौकी, कावड़ शिविर और मार्ग और और वहां की इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी क्यूआर कोड के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
कैसे यह जानकारी उपलब्ध होगी कावड़ यात्रियों को
कावड़ यात्रियों को क्यूआर कोड को स्कैन करने से पार्किंग समेत मेले की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। क्यूआर कोड को फोन से स्कैन करने पर पार्किंग, कार रूट हरिद्वार में पार्किंग की लोकेशन और जितनी भी आवश्यक जानकारियां कावड़ यात्रियों को चाहिए होगी वह सभी इस क्यूआर कोड के द्वारा उन्हें आसानी से मिल पाएंगी।
निष्कर्ष
कल से सावन का महीना शुरू हो रहा है सावन का महीना जप, तप, व्रत का महीना तो होता ही है कावड़ यात्रा का महीना भी होता है इस बार कांवड़ यात्रा की विशेष तैयारी की गई है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को पहले से ही चेताया जा चुका है ताकि अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके। कावड़ यात्रियों की सुविधा के लिए एक क्यूआर कोड के द्वारा कावड़ यात्रियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।