भारत ने WTO को बताया – अमेरिकी आयात पर 724 मिलियन डॉलर का जवाबी शुल्क लगाने की तैयारी भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में हाल ही में एक अहम मोड़ देखने को मिला है। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को जानकारी दी है कि वह अमेरिका के कुछ उत्पादों पर 724 मिलियन डॉलर (लगभग 6,000 करोड़ रुपये) का जवाबी शुल्क (retaliatory tariff) लगाने का अधिकार रखता है।
यह कदम अमेरिका द्वारा लगाए गए स्टील और एल्युमिनियम पर अतिरिक्त शुल्क के जवाब में उठाया जा सकता है।
पृष्ठभूमि: विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
वर्ष 2018 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कई देशों से आयात होने वाले स्टील पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% आयात शुल्क लगा दिए थे।
इस कदम से भारत समेत कई देश प्रभावित हुए। भारत ने WTO में इस निर्णय को चुनौती दी थी और कहा था कि यह नियम WTO के मुक्त व्यापार सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
भारत का रुख
WTO में भारत ने दावा किया है कि अमेरिका के इस कदम से उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिए वह WTO के नियमों के तहत 724 मिलियन डॉलर मूल्य तक के अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाने का अधिकारी है।यह कदम WTO के डिस्प्यूट सेटलमेंट सिस्टम के तहत वैध माना जाता है।भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्णय तब लिया जाएगा जब WTO का विवाद निवारण निकाय इसकी मंजूरी दे देगा।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिका की तरफ से अभी तक इस नए दावे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है, लेकिन पहले के रुख को देखते हुए अमेरिका WTO के इस फैसले को चुनौती दे सकता है या भारत के साथ अलग से समझौता करने की कोशिश कर सकता है।हालांकि अमेरिका पहले भी कह चुका है कि उसका यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र लिया गया था, जिसे WTO नियमों के तहत छूट दी जा सकती है।
WTO की भूमिका
WTO विवाद निवारण निकाय (Dispute Settlement Body – DSB) ने पहले अमेरिका के इस निर्णय को नियमों के खिलाफ करार दिया था। लेकिन अमेरिका ने उस निर्णय को मानने से इनकार कर दिया और WTO के फैसले को चुनौती दी।WTO के अपीलीय निकाय की लंबे समय से नियुक्तियां रुकी हुई हैं, जिससे कई फैसले अटके हुए हैं।इस कारण भारत सहित अन्य देशों के लिए जवाबी शुल्क लगाना ही एकमात्र व्यावहारिक उपाय बचा है।
किन अमेरिकी उत्पादों पर लग सकते हैं शुल्क?
हालांकि भारत ने अभी तक यह नहीं बताया है कि किन वस्तुओं पर ये शुल्क लगाए जाएंगे, लेकिन संभावना है कि अमेरिकी कृषि उत्पाद, वाइन, मोटरसाइकिल, खाद्य प्रसंस्कृत वस्तुएं, और उद्योगिक उपकरण जैसे उत्पाद इस दायरे में आ सकते हैं।पहले भी भारत ने अमेरिका के खिलाफ कई वस्तुओं पर प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी, लेकिन दोनों देशों के बीच समझौता हो जाने के कारण उसे रोक दिया गया था।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध पिछले कुछ वर्षों में मज़बूत हुए हैं। 2023 में दोनों देशों के बीच लगभग 200 अरब डॉलर का व्यापार हुआ।हालांकि ऐसे विवाद इन रिश्तों में तनाव पैदा कर सकते हैं, फिर भी दोनों देशों ने कई मंचों पर सहयोग बनाए रखा है।
निष्कर्ष
भारत का WTO को यह बताना कि वह अमेरिका के खिलाफ 724 मिलियन डॉलर का जवाबी शुल्क लगाने को तैयार है, यह संकेत देता है कि भारत अपने हितों की रक्षा को लेकर गंभीर है।यह कदम ना केवल WTO में भारत की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि अमेरिका को यह भी संदेश देता है कि एकतरफा फैसलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि WTO और अमेरिका इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या दोनों देश एक बार फिर आपसी बातचीत से कोई समाधान निकालने की दिशा में बढ़ते हैं।