Friday, July 11, 2025
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सेबी ने की जांच अमेरिकी प्राॅप ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ, डूबे निवेशकों के 12000 करोड़ रुपए, सीडीएसएल, नुवामा और बीएसई का भी हुआ नुकसान 

अमेरिकी प्राॅप ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी ने की जांच डूबे निवेशकों के 12000 करोड़ रुपए, सीडीएसएल, नुवामा और बीएसई का भी हुआ नुकसान , सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ जांच के बाद कार्यवाही कर ली है। जिससे भारतीय कैपिटल मार्केट में काफी नुकसान हुआ है नुवामा, बीएसई और सीडीएसएल के शेयरों मैं भारी गिरावट दर्ज की गई है 4,844 करोड़ की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया है।। 

अमेरिकी प्राॅप ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर सेबी ने लिया बड़ा एक्शन 

सेबी ने जेन स्ट्रीट के हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग, आईएमसी ट्रेडिंग, ऑप्टिकल सिक्योरिटीज के भारत में तेजी से अपने कारोबार फैलाव के कारण एक बड़ा एक्शन ले लिया है भले ही जेन स्ट्रीट किसी बड़े नियम का उल्लंघन नहीं कर रहा है लेकिन भारत में तेजी से इसके कारोबार को फैलने से रोकने के लिए सेबी ने यह एक्शन प्लान किया है। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर अपने एक्शन के बाद अपना फोकस हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग पर कर दिया है। 

अमेरिका की कंपनी जेन स्ट्रीट पर क्या आरोप लगे हैं?

  • जेन स्ट्रीट पर पिछले सप्ताह आरोप लगा था कि उसने हेरा फेरी कर भारतीय बाजार में अवैध तरीके से रुपए कमाए हैं। इस आरोप के बाद सेबी ने डोमेस्टिक मार्केट में उसके कारोबार को बैन कर दिया है। सेबी ने जेन स्ट्रीट को अवैध तरीके से की गई कमाई को वापस करने का आदेश दिया है।
  • सेबी ने जेन स्ट्रीट पर बैंक निफ्टी के ऑप्शंस और उससे जुड़े शेयरों के मूल्य में हेरा फेरी का आरोप लगाया है और जेन स्ट्रीट की 4,844 करोड़ की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया है। सेबी कई महीनों से जेन स्ट्रीट की व्यापक जांच पड़ताल कर रही थी कई महीनों की गहन जांच पड़ताल के बाद सेबी इस निष्कर्ष पर पहुंची है।

सेबी ने अब ट्रेडिंग रणनीति को और विस्तृत कर दिया है

गेंद हिस्ट्री की रिपोर्ट में भले ही कोई बड़े नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है लेकिन से भी आप सतर्क हो गई है। सेबी ने हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनी जैसे आईएमसी ट्रेडिंग, ऑप्टिवर, सिटाडेल सिक्योरिटीज जैसी विदेशी कंपनियों का भारत में तेजी से अपने कारोबार का फैलाव देखा है। कई क्वाट फर्में भी अपना कारोबार बढ़ा रही है

ऐसे में सेबी ने एक नई व्यापक रणनीति बनाई है। क्योंकि अब भारत ट्रेड अनुबंधों के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है या फिर बनने जा रहा है। 

सेबी ने क्या रणनीति बनाई है? 

सेबी ने अलर्ट रहने के लिए हेरा फेरी को रोकने के लिए और डेरिवेटिव्स की ट्रेडिंग नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए एक नई रणनीति बनाई है। निपटान रिस्क को कम करने के लिए सेबी ने चार बार इंट्राडे मार्केट वाईड पोजीशन लिमिट की निगरानी तय की है। रिवाइज्ड मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट सेबी की नई रणनीति में शामिल है। ओपन इंटरेस्ट के लिए एक नया डाटा कैलकुलेशन भी सेबी की नई रणनीति में शामिल किया गया है। 

सेबी का ध्यान है मॉनिटरिंग तंत्र की मजबूती पर 

सेबी मार्केट में हेरा फेरी करने वाले ट्रेडिंग पैटर्न और कीमत पैटर्न से प्रभावित होने वाले फैक्टर के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहती है। इस जानकारी के द्वारा सेबी अपने मॉनिटरिंग तंत्र को और मजबूत बनाना चाहती है। सेबी की नई रणनीति का उद्देश्य अपने मॉनिटरिंग तंत्र को मजबूत किया जाना है ताकि स्टॉक दस्तावेज की जानकारी न होने पर भी उनके विषय में बेहतर ढंग से सूचनाएं इकट्ठी की जा सके।

सेबी के जांच से निवेशकों का हुआ है 12000 करोड़ रुपए का नुकसान 

सेबी की अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्टेट के ऊपर की गई कार्यवाही से भारतीय कैपिटल मार्केट में बुरी तरह का नुकसान देखने को मिला है इस कार्यवाही के बाद नुवामा वैल्थ मैनेजमेंट , बीएसई एंजेल वन और सीडीएसएल कंपनियों में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है। सबसे अधिक नुकसान नुवामा वैल्थ मैनेजमेंट कंपनी को हुआ है। नुवामा वैल्थ मैनेजमेंट कंपनी जेन स्ट्रीट की साझेदार कंपनी है।

किन कंपनियों के शेयरों में कितनी गिरावट दर्ज की गई?

सबसे अधिक गिरावट नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी के शेयरों में दर्ज की गई। नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी का शेयर 11.19% गिरकर 7,261 रुपए पर बंद हुआ। बीएसई का शेयर 6.56% गिरकर 2,635 रुपए पर बंद हुआ। एंजेल वन का शेयर 5.92 प्रतिशत गिरकर 2,776 रुपए पर बंद हुआ। सबसे कम गिरावट सीडीएसएल के शेयर में देखी गई। सीडीएसएल का शेयर 2.35 प्रतिशत गिरकर 1,762 पर देखा गया।

निष्कर्ष

  •  सेबी ने जेन स्ट्रीट जो की एक अमेरिकी कंपनी है उसकी 4,438 करोड़ रुपए की हेरा फेरी को पकड़ा है और अब एक नई व्यापक रणनीति बनाई है ताकि भविष्य में ऐसी हेरा फेरी कोई दूसरी कंपनी दोबारा न कर सके। जेन स्ट्रीट को तो नुकसान हुआ ही है लेकिन उसके साथ उसकी कई सहयोगी कंपनियों को भी भारी नुकसान हुआ है।
  • अगर जेन स्ट्रीट अपना कारोबार समेटती है तो उसकी साझेदार कंपनी नुवामा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। नुवामा के अतिरिक्त बीएसई और सीडीएसएल नामक कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई है। यह बताता है कि अगर किसी एक कंपनी पर कोई कार्यवाही होता होती है तो उसका असर अन्य सहयोगी कंपनियों पर भी पड़ता है
  • सेबी की कार्यवाही का असर पूरे डेरिवेटिव्स इकोसिस्टम पर पड़ा। जिसके कारण कई डेरिवेटिव्स में सक्रिय कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। अब सेबी की नई रणनीति को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि शेयर मार्केट में काम करना इतना आसान भी नहीं रहने वाला है

 

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