सावन 2025 का पहला सावन का सोमवार व्रत 7 जुलाई को पड़ेगा। आइए जानें सोमवार व्रत का महत्व, नियम पूजा विधि क्या खाएं कैसे करें शिव पूजन और व्रत के पीछे की मान्यताएं
सावन सोमवार व्रत का महत्व?
भगवान शिव का व्रत सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। इस व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से भगवान शिव और मां पार्वती प्रसन्न होती है। सुहागन स्त्रियां मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा व्रत अपने सुखी वैवाहिक जीवन के लिए अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है।
- कुंवारी कन्या सोमवार का व्रत भगवान शिव जैसा पति पाने की चाह में रखती है जो भगवान शिव की तरह ही प्यार व सम्मान के साथ साथ उनका ध्यान भी रख पायें।
- निर्धन धन की इच्छा में, संतान हीन संतान की प्राप्ति के लिए और बुजुर्ग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का व्रत और जप करते हैं।
- भगवान शिव भोले भंडारी है जो भक्त सच्चे मन से जो भी ईच्छा करता है भगवान शिव उसकी सभी इच्छा पूरी करते हैं।
कुछ लोग भगवान शिव के व्रत पूरे महीने रखते हैं और कुछ सोमवार के दिन और प्रदोष के दिन भगवान शिव का व्रत रखते हैं।
कब से शुरू करें व्रत
वैसे तो सावन शुरू हो चुका है लेकिन अगर आपने प्रतिमा तिथि से व्रत नहीं रखा है और अगर आप पूरे महीने का व्रत करना चाहते हैं तो आप सावन के पहले सोमवार से भी इन व्रत को कर सकते हैं आप सावन के पहले सोमवार से सावन के आखिरी सोमवार तक सावन के व्रत कर सकते हैं। व्रत की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश से सबसे पहले प्रार्थना करें कि आपका यह व्रत निर्विघ्न भली भांति पूरे हो पाए।
सावन के व्रत कैसे रखे जाते हैं
सावन के व्रत रखने की दो विधियां है
सिर्फ सोमवार या प्रदोष को व्रत (साप्ताहिक)
सावन के चार या पांच सोमवार को व्रत रखा जा सकता है। सावन के सोमवार के व्रत अक्सर लोग सिर्फ मीठा भोजन खाकर या सिर्फ फल खा कर रखते हैं। अगर आप चाहे तो सोमवार के व्रत के साथ आप प्रदोष व्रत भी रख सकते हैं।
सावन के पूरे महीने व्रत (मासिक)
कुछ भक्त सावन के पूरे महीने रोज उपवास या फलाहार करते हैं। यह अत्यंत कठिन है लेकिन भगवान शिव के लिए इसे विशेष पुण्य कार्य माना गया है। इस समय आप एक बार शाम को भोजन कर सकते हैं।
- आप दिन में दोनों बार फलाहार कर सकते हैं।
- आप दिन में एक बार फल खा सकते हैं और एक बार फलाहार कर सकते हैं।
- फलाहार व्रत के भोजन बनाया जाता है। जिसमें व्रत का नमक ही प्रयोग किया जाता है।
- अगर आप आप दिन में एक बार भोजन कर रहे हैं तब भी भोजन में लहसुन प्याज का प्रयोग नाकरें। शुद्ध सात्विक भोजन करें।
सावन के व्रत कैसे करें -शिव पूजा विधि
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने मंदिर में या घर में शिवलिंग के सामने संकल्प ले।
संकल्प लें
सावन के व्रत करने के लिए सबसे पहले संकल्प से शुरुआत करें,
- अपनी अंजुरी में गंगाजल लेकर भगवान शिव के समक्ष संकल्प ले कि आप पूरे महीने उपवास करेंगे या आप प्रदोष और सोमवार के दिन व्रत रखेंगे
- अगर आप व्रत करेंगे तो आप किन नियमों का पालन करेंगे
- आप एक समय भोजन करेंगे या उपवास करेंगे या फिर आप फलाहार करेंगे। इ
- सके बाद अपने मन की इच्छा भगवान के आगे रख दे।
भगवान शिव की करें पूजा
पूजा सामग्री
भगवान शिव को गंगाजल से स्नान करना अति प्रिय है। भगवान शिव की पूजा के लिए गंगाजल, दूध दही फल शहद बेलपत्र धतूरा, अपराजिता के फूल सफेद पुष्प, अति प्रिय है।
पूजा विधि
- संकल्प लेने के बाद भगवान शिव को स्नान कारण गंगाजल दूध दही शहद घी आपजिस से चाहे स्नान करा सकते हैं
- आप चाहे तो भगवान शिव को सभी चीजों से भी स्नान करा सकते हैं।
- भगवान शिव के स्नान का विशेष महत्व है और हर वस्तु का भी जिससे भगवान शिव को शांत कराया जाता है एक अलग महत्व है।
- जिन भक्तों के ऊपर बहुत उधार या कर्ज होता है वह गंगाजल में कच्चा दूध ,तिल या कच्चे चावल डालकर भगवान शिव को स्नान कराते हैं। भगवान शिव को पंचामृत से भी स्नान कराया जाता है। भगवान शिव को बेल पत्र समर्पित करें।
भगवान शिव को तुलसी और हल्दी से स्नान क्यों नहीं कराया जाता?
मां लक्ष्मी को तुलसी दल नहीं चढ़ाया जाता और मां पार्वती और भगवान शिव को भी इसीलिए तुलसीदास नहीं चढ़ाया जाता।
भगवान शिव को रोली का टीका क्यों नहीं लगाया जाता?
भगवान शिव ने विषपान किया था हल्दी गर्म होती है इसलिए भगवान शिव को हल्दी या रोली का टीका नहीं लगाया जाता भगवान शिव को चंदन का टीका लगाया जाता है
मंत्र
ओम नमः शिवाय का 108 बार जाप करें रुद्राष्टक का जाप करें शिव चालीसा का पाठ करें। शिव स्त्रोत का पाठ करें।
व्रत में क्या खाएं?
व्रत में फल, दूध, मखाना, साबूदाना आलू मूंगफली चौलाई, सामा के चावल, कुट्टू, सिंगाड़े का आटा खाया जा सकता है।
निष्कर्ष
सावन का महीना शुरू हो चुका है सावन का पहला सोमवार 7 जुलाई को होगा। कुछ श्रद्धालु सावन के सोमवारों को, प्रदोष तिथि को व्रत रखते हैं तो कुछ पूरे महीने ही व्रत रखते हैं। अगर आप व्रत ना भी रख सके तब भी अवश्य भगवान शिव को जल चढ़ा सकते हैं शिव मंत्र का जाप कर सकते हैं किसी गरीब को भोजन कर सकते हैं आप अपनी श्रद्धा सामर्थ्य से सावन के व्रत को कर सकते हैं चाहे तो सिर्फ सोमवार चाहे तो पूरे महीने या सिर्फ चाहे तो सिर्फ मन से ही व्रत रखकर किसी के साथ बुरा ना करके गुस्सा अहंकार झूठ का त्याग करके।