रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी इस साल पुरानी 38 साल पुरानी डील तोड़ दी है। ऐसा उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियां की बात किया। जानते हैं क्या है वह 38 साल पुरानी डील
रूस के राष्ट्रपति ने अमेरिका से 38 साल पुरानी डील तोड़ी
रूस के राष्ट्रपति पुतिन में रूसी तट पर दो अमेरिकी पनडुब्बियों की तैनाती के बाद 1987 में अमेरिका के साथ हुई 38 साल पुरानी संधि को तोड़ दिया है। 38 साल पहले रूस ने छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइल की तैनाती पर रोक लगाई थी जिसे अब रूस ने हटा लिया है।
क्या कहना है रूस का इस बारे में
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि रूस अब तक मिसाइल की तैनाती पर लगी रोक से बंधा हुआ था लेकिन अब वह इसे आवश्यक नहीं मानता क्योंकि इस रोक को बनाए रखने के लिए आवश्यक शर्तें समाप्त हो गई हैं। रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि बार-बार उसकी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया हमें फैसला किया था कि हम ऐसी मसाले की तैनाती तभी करेंगे जब अमेरिका कुछ कदम उठाएगी
अब जबकि अमेरिका ऐसा कर रहा है तो हमने भी मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगाने को हटाने का फैसला कर लिया है।
पुतिन ने किया है ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति के पनडुब्बी तैनात करने के आदेश पर
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुचि तट पर अमेरिका की दो पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड कंपनी रविवार को रूस के तट पर अमेरिका की दो पनडुब्बियों को तैयार करने का आदेश दिया था जिसके बाद पुतिन ने 38 साल पुरानी इस संधि को तोड़कर पलटवार किया है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कल 4 अगस्त को की थी संख्या को तोड़ने की घोषणा
रूस के विदेश मंत्रालय ने कल सोमवार 4 अगस्त को घोषणा की कि वह 500 से 5500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल पर लगे प्रतिबंध वाली संधि को तोड़ रहे हैं वह इसका पालन नहीं करेंगे। अमेरिका पिछले 1 दशक में कई बार रूस पर इस संधि को तोड़ने का आरोप पहले ही लगा चुका है। अमेरिका ने रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भी इंटरमीडिएट रेंज की मिसाइल के इस्तेमाल की बात की थी।
38 साल पुरानी इस संधि में क्या था?
38 साल पुरानी संधि में रूस और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ था। यह समझौता 1987 में हुआ था और समझौते में आपस में करार किया गया था कि दोनों देश 500 से 5500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल, लांचर ग्राउंड लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल और फ्रूट मिसाइल की तैनाती दोनों देशों के बीच में नहीं करेंगे। यह संधि अमेरिका सोवियत यूनियन के बीच इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) ट्रीटी 1987 में साइन की गई थी।
इस संधि के अंतर्गत 500 से 5500 किलोमीटर की दूरी वाली मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगाई गई थी। 2019 नहीं अमेरिका संधि से बाहर हो गया था और अब अमेरिका ने सबमरीन को रूस के करीब भेजने की घोषणा कर दी है। इसके बाद रूस ने भी संधि को तोड़ने की घोषणा कर दी है।
पुतिन दिसंबर में भी कह चुके थे इस संधि को तोड़ने के विषय में
इस बात की संकेत दे दिए थे राष्ट्रपति पुतिन ने तब कहा था की न्यूज़ 2025 की दूसरी छमाही में बेलारूस में मिसाइलों की तैनाती कर सकता है।
रूस और अमेरिका के बीच संबंध होते जा रहे हैं काफी खराब
रूस और अमेरिका के बीच अमेरिका के पहले टैरिफ और अब रूस के करीब पनडुब्बी तैनात करने की घोषणा से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है। रूस विदेशी मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारो ने कल अमेरिका किस कम की पीछे आलोचना की उन्होंने कहा अमेरिका दुनिया भर के देशों पर मनमाना टैरिफ लगा रहा है। अमेरिकी सरकार दुनिया भर के देशों पर अपना प्रभु से जमाने के लिए अपनी मर्जी से टैरिफ लगा रहे हैं
अमेरिका राजनीति से प्रेरित आर्थिक दबाव डाल रहा है वह ऐसे देशों को टैरिफ की धमकी दे रहा है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग और स्वतंत्र रास्ता चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस वास्तविक बहुपक्षीय सामान विश्व व्यवस्था बनाने के लिए इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का समर्थन करता है और इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।