Friday, July 11, 2025
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बारिश में बीमारियों से कैसे बचें-, मलेरिया, डेंगू, फ्लू और पेट की समस्याओं से बचाव के उपाय

जब बारिश आती है तो अपने साथ बीमारियां भी लेकर आती है।लोगों को सर्दी जुकाम, बुखार, मलेरिया और पेट की समस्याएं भी हो जाती है तो आईए जानते हैं बारिश में कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है? बीमारियों से कैसे बच सकते हैं और आखिर बारिश में बीमारियां होती क्यों है 

बारिश में बीमारियों से कैसे बचें-, मलेरिया डेंगू फ्लू और पेट की समस्याओं से बचाव के उपाय,बारिश के मौसम में डेंगू मलेरिया फ्लूट डायरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां तेजी से फैलती है जाने इसके लक्षण कारण और घरेलू उपाय इस लेख में, 

बारिश में बीमार होना किसे पसंद है लेकिन जब बारिश आती है तो अपने साथ बीमारियां भी लेकर आती है। तपती गर्मी के बाद जब बारिश की बूंदे जमीन पर पड़ती है तो मौसम तो ठंडा होता है लेकिन इसी ठंडे मौसम से लोगों को सर्दी जुकाम, बुखार, मलेरिया और पेट की समस्याएं भी हो जाती है तो आईए जानते हैं बारिश में कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है? बीमारियों से कैसे बच सकते हैं और आखिर बारिश में बीमारियां होती क्यों है 

बारिश में हम बीमार क्यों पड़ते हैं 

  • बारिश के बाद गर्म मौसम ठंडा और नमीयुक्त हो जाता है। नमी युक्त माहौल में बैक्टीरिया, वायरस आसानी से बन सकते हैं जिसके कारण हम बीमार पड़ सकते हैं। 
  • बारिश में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता है जिसमें डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं जिनके कारण हम बीमार पड़ सकते हैं।
  • बारिश में हम खाते हैं तीखा चटपटा खाना जिसके कारण हम बीमार पड़ सकते हैं।
  •  बारिश में खाना जल्दी खराब हो जाता है जिसके कारण हम बीमार पड़ सकते हैं।
  •  अगर हम बाहर का खाना खाते हैं जो काफी लंबे समय तक बाहर रखा रहता है उससे भी हम बीमार पड़ सकते हैं।  ऐसे खाने से फूड प्वाइजनिंग और पेट खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • बारिश में हो जाती है हमारी इम्यूनिटी कमजोर बारिश के मौसम में हमारे शरीर का तापमान कम होने लगता है जिसके कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है। 

बारिश में बीमारियों से कैसे बचें ?

  • बारिश में हमें घर का बना ताजा और हल्का भोजन करना चाहिए। 
  • घर में कहीं भी पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। 
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन और मिनरल्स युक्त भोजन करना चाहिए। 
  • पानी का काफी अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  •  पानी उबालकर और ठंडा कर कर पीना चाहिए।
  •  बारिश में बाहर के खाने से बचना चाहिए।
  •  साफ सफाई का विषय ध्यान रखें अपने हाथों को खाना बनाने से पहले कहीं बाहर से आने के बाद अवश्य साबुन से साफ कर ले।

बारिश में किन लक्षणों को न करें नजरअंदाज 

  • अगर आपको अचानक से बुखार होने लगे या ठंड लगने लगे
  • आपको उल्टी, दस्त, बुखार या पेट दर्द की समस्या होने लगे।
  • आपकी त्वचा पर खुजली, जलन, या चकत्ते जैसी समस्याएं होने लगे तो आपको डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए।
  • अगर आपकी जोड़ों में या मांसपेशियों में लगातार दर्द हो तो आपको डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए।
  • अगर आप लगातार कमजोरी और थकावट महसूस करें तो आपको डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए। 

क्या करें जिससे कि हम बीमार ही ना पड़े 

  • बारिश के मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखें। 
  • काफी देर से रखे हुए कटे हुए फलों सब्जियों को न खाएं।
  •   बारिश के मौसम में कच्चे भोजन का प्रयोग ना करें।
  •  बारिश के मौसम में ऐसा खाना खाएं जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाएं। 
  • ब्रोकली, गाजर, हल्दी, लहसुन, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी पाउडर, सौठ पाउडर ये सभी चीजें आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाती है। 
  • हल्दी,अदरक, लहसुन, काली मिर्च में रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले गुण पाए जाते हैं जो कि आपकी त्वचा को इंफेक्शन होने से बचाते हैं और आपके सर्दी जुकाम को जल्दी ठीक करते हैं।
  • बारिश में मच्छरों से बचाव के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहने। मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में गंदा पानी न जमा होने दे।

बारिश में त्वचा की देखभाल 

बारिश के मौसम में अपनी त्वचा का विशेष ध्यान रखें अगर आप कहीं भीग गए हैं तो घर आते ही एक एंटीबैक्टीरियल साबुन से नहा ले।

बारिश में होने वाली बीमारियां और उनके बचाव 

 मलेरिया 

बारिश में होने वाली सबसे गंदी बीमारी है जो कि मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी इकट्ठा ना होने दे। मच्छरदानी में सोएं ।पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए अपने रहने वाले क्षेत्र के आसपास जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। 

डेंगू 

डेंगू मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। यह एडीज मच्छर के काटने से होती है। इसके काटने से मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में बहुत दर्द होता है। बारिश के मौसम में पूरे कपड़े पहनकर इससे बचा जा सकता है।डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी में सोए। शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने। निकास की उचित व्यवस्था करें।

चिकनगुनिया

चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला बुखार है। जिसमें मरीज के शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द होता है इससे बचने के लिए घर में या आसपास कहीं भी पानी जमा ना होने दे।

डायरिया

डायरिया  बारिश के मौसम में होने वाली मुख्य बिमारी जिसमें पेट में लगातार दर्द होता है दस्त लगते हैं यह बरसात में गंदा पानी पीने से और खराब खाना खाने से होता है। 

हैजा 

हैजा भोजन और पानी की अशुद्धियों से होता है

 इसमें पेट में ऐठन होती है और लगातार उल्टी दस्तों से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। मरीज को साफ सफाई और भोजन का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।

लैक्टोजसिरोसिस 

यह बीमारी जानवरों के मूत्र से प्रदूषित पानी में बैक्टीरिया के कारण होती है इसमें गंभीर सर दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, आंखों का लाल होना पेट में दर्द होना शामिल होता है। इस बीमारी से बचने के लिए जहां बारिश का पानी भरा हो ऐसे क्षेत्र में न चले। पानी में चलते समय सुरक्षात्मक कपड़े और जूते पहने। ऐसी चीजों को छूने से बचें जो कि प्रदूषित हो सकती है। 

टाइफाइड 

टाइफाइड गंदे भोजन व‌ पानी से होता है। इसमें लगातार बुखार आता है। पेट में और सर में दर्द रहता है। कमजोरी, थकान, भूख न लगने की शिकायत होती है। 

रोकथाम 

टाइफाइड से बचने के लिए पानी को उबालकर पिएं ।साफ-सफाई का विषय ध्यान रखें। अच्छी तरह से पका हुआ भोजन करें। 

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए वायरस के कारण होने वाला लीवर का संक्रमण है इसमें पेट में दर्द थकान और आंखों का पीला पड़ना शामिल है।

रोकथाम 

हेपेटाइटिस ए का टीका लगवाएं। किसी संक्रमित व्यक्ति के रक्त से ,शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने के बाद, अच्छी तरह से हाथों को धोएं। स्वच्छ भोजन एवं जल ग्रहण करें 

फ्लू

यह एक वायरस से होने वाला संक्रमण है जो कि आपके  श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह रोग बरसात के मौसम में नमी की कारण आसानी से फैलता है। 

बचाव के उपाय 

बीमार लोगों से दूर रहे। खासते व छींकते समय मुंह नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें। 

निष्कर्ष 

बारिश का मौसम बीमारियों का मौसम भी कहा जाता है। इसलिए इस मौसम में साफ सफाई और भोजन का विशेष ध्यान रखें लेकिन अगर आप बीमार पड़ ही जाते हैं तो उबले हुए पानी को पिए, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। अच्छी तरह से पका हुआ भोजन करें कच्चे फलों सब्जियों को न खाएं।

 

 

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