नकारात्मक ऊर्जा, नेगेटिव एनर्जी क्या होती है? जानते सभी हैं। पर कोई भी मानने को तैयार नहीं होता कि उसके घर में नकारात्मक ऊर्जा है। जब तक वह उसके दुष्प्रभाव नहीं देख लेता। उसके हँसते खेलते घर में बिना वजह कलह क्लेष होने लगता है। बच्चे बीमार रहने लगते हैं और पति पत्नी में आपस में झगड़े होने लगते हैं।
बेटा बहू अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करके भी अपने माता-पिता को खुश नहीं रख पाते। घर में धन आने से पहले ही बीमारियों की भेंट चढ जाता है। तब लगता है कि हां सच में नकारात्मक ऊर्जा ने घर में पांव पसार लिए हैं। आदमी कर भी क्या सकता है। हर किसी पर वो भरोसा भी नहीं कर सकता कि वह सच में सही बात बता रहे हैं या मौके का फायदा उठा रहे हैं।
इसीलिए इस आर्टिकलमें कुछ आसान उपाय बताए गये हैं। ये उपाय उन लोगों के लिए है जो अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से परेशान हैं। इन उपायों को करके निश्चित रूप से अपने परिवार में लक्ष्मीजी की कृपा, सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली ला सकते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का राज छिपा है आपकी दिनचर्या में
अगर आप सनातनी है तो आप हिंदू धर्म के अनुसार दिनचर्या का भी पालन करते होंगे। अगर आप सनातनी नहीं है। तब भी आप अगर इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो अपने धर्म के अनुसार कुछ नियमों का तो अवश्य पालन करते होंगे इन नियमों में सुबह जल्दी उठना, सूर्य को जल चढ़ाना, मंदिर में घी का दिया जलाना। घंटी बजाकर आरती करना। तुलसी चौरा पर दिया जलाना, जल चढ़ाना और सुबह शाम संध्या वंदन करना।
पहली रोटी गाय के लिए निकालना, चिड़ियों के लिए दाना डालना। चींटी के लिए मीठा आटा डालना और साथ ही साथ कुत्ते को रात को रोटी खिलाना। सालों पहले हमारे पूर्वजों, पंडितों ने यह नियम बनाए थे। और यह नियम आज भी हमारे ऊपर लागू होते हैं। हमारे पूर्वज हमारे साथ-साथ प्रकृति द्वारा बनाई गई हर छोटी से लेकर बड़ी जी वरचना का ध्यान रखते थे। अगर वे घर में हरी सब्जी ,फल खाते थे तो छिलके जानवरों के लिए अलग पहले ही रख दिए जाते थे। और इन सब बातों का प्रभाव हमारे ग्रहों पर होता था।
हमें कैसे पता चले कि हमारे घर में नकारात्मक उर्जा है
हमारा कौन सा ग्रह हमारे लिए शुभ नहीं है। हमारे परिवार में अशांति क्यों है? यह देखने के लिए पंडित जी हमारे जन्म स्थान, जन्म दिवस एवं जन्म समय के अनुसार हमारी कुंडली बनाते हैं। कुंडली में हमारे कुछ ग्रह कमजोर होते हैं। पंडित जी उन कमजोर ग्रहों को शक्तिशाली करने के लिए हमें कुछ उपाय बताते हैं। पंडित जी हमारे घर के, दुकान के नक्शे के द्वारा हमारे घर के, दुकान के वास्तुदोष व नकारात्मक प्रभाव का अध्ययन कर लेते हैं।
एक अच्छे पंडित जी को हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारे ग्रहों, नक्षत्रों व दिशाओं का संपूर्ण ज्ञान होता है। उनके द्वारा बताये गये उपायों को जब हम पूरी श्रद्धापूर्वक करते हैं तो हमें शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है।
क्या करें किस दिन कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा हर दिन
हमें गाय, चिड़ियों, चींटी और कुत्ते इन सबके लिए रोज भोजन निकालना चाहिए। हमारे हर दिन का विशेष महत्व है और हर दिन एक ग्रह और उस ग्रह के देव को समर्पित है।
सोमवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
जैसे सोमवार के दिन हम भगवान शिव की आराधना जलाभिषेक करते हैं। उन्हें बेलपत्र दूध शहद चंदन अर्पित करते हैं। ऐसा करने से भगवान शंकर हम पर प्रसन्न होते हैं।
मंगलवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
मंगलवार के दिन हम हनुमान जी ,मां दुर्गा की पूजा करते हैं । हम इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। भगवान राम के सुंदरकांड का पाठ, हनुमान जी की हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक का पाठ करते हैं। इससे मंगल हमारे लिए मंगलकारी होता है। मंगलवार के दिन काले कुत्ते को अगर हम रोटी देते हैं तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं हमारे दुश्मन हमारा कुछ भी नुकसान नहीं कर पाते हैं।
बुधवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने से बुध ग्रह के कुप्रभाव शांत होते हैं।
बृहस्पतिवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
बृहस्पतिवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से, गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से, भगवान विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु हम प्रसन्न होते हैं। घर में सुख संपत्ति और प्रतिष्ठा रहती है।
शुक्रवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा हम करते हैं। घर की क्वारी कन्याओं को मीठा खिलाते हैं। घर की बड़े बुजुर्गों के लिए हम खीर बनाते हैं। सुहागिनों का आशीर्वाद लेते हैं। इससे हमारे घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
शनिवार के दिन क्या करें कि रहे घर में सकारात्मक उर्जा ?
शनिवार के दिन घर की साफ सफाई रखने, घर से कूड़ा करकट दूर करने से शनिदेव हम पर प्रसन्न होते हैं। रविवार के दिन सूर्य नमस्कार करने एवं सूर्य भगवान को जल चढ़ाने से सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं।