Saturday, July 5, 2025
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आत्मिक शांति और सुख के लिए सावन में करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक और श्रृंगार 

आत्मिक शांति और सुख के लिए सावन में करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक और श्रृंगार ,भगवान शिव देवों के देव है उनके पास जो भी जिस भाव से जाता है भगवान शिव उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं।

सावन का महीना तो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है ऐसे में अगर आप अशांत महसूस करते हैं आपको किसी भी तरह की कोई भी समस्या है चाहे वह आर्थिक हो या मानसिक तो एक बार भगवान शिव के शरण में अवश्य जाकर देखें।आईए जानते हैं क्या है रुद्राभिषेक जो है भगवान शिव को अत्यंत प्रिय और कैसे कर सकते हैं हम भगवान शिव का श्रृंगार 

 क्या है रुद्राभिषेक 

भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विषपान किया था।उनकी विषय की ज्वाला को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें स्नान करवाया तभी से भगवान शिव को जल अर्पण किया जाता है और दूध हे गजल का रुद्राभिषेक कराया जाता है। 

कैसे करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक 

भगवान शिव का रुद्राभिषेक गंगा जल, कच्चे दूध से किया जाता है भगवान शिव को रुद्राभिषेक अत्यंत प्रिय है और सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने की तो विशेष मान्यता है। कहते हैं सावन के दिनों में भगवान शिव से जो भी मांगा जाए भगवान शिव अवश्य प्रदान करते हैं। भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही शहद से स्नान कराया जाता है उसके बाद चंदन और भस्म शिवलिंग पर लगाई जाती है। बेलपत्र आक के फूल, धतूरा, फल पुष्प और मिठाई अर्पित की जाती है।

भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है श्रृंगार

शाम को जब भगवान शिव की आरती की जाती है तो उनका श्रृंगार किया जाता है श्रृंगार फूल या फल किसी भी वस्तु से कर सकते हैं कुछ लोग मिठाई से भी भगवान शिव का श्रृंगार करते हैं। 

कैसे करें भगवान शिव का श्रृंगार 

  • भगवान शिव को जल से स्नान अति प्रिय है तो श्रद्धालु सुबह से भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाना शुरू कर देते हैं कहां भी जाता है की सबसे भोले बाबा भोलेनाथ ही हैं जो एक लोटा जल से प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं तो सुबह-सुबह तो भगवान शिव का श्रृंगार करना हम भक्तों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है इसलिए भगवान शिव का श्रृंगार शाम को करें पुजारी आपको पहले ही भगवान शिव के श्रृंगार की सारी विधि बता देंगे।
  •  आपको फूल या फल जो भी लेने हैं उन्हें लेकर भगवान का श्रृंगार करना होगा लेकर। भगवान शिव को पहले गंगाजल से स्नान कराएं।भगवान शिव को भस्म अति प्रिय है अतः पहले भगवान शिव को चंदन का टीका लगाए उसके बाद में भस्म का टीका लगाए। भगवान शिव को नीले फूल और कमल के फूल अति प्रिय है अतः कोशिश करें की इन दोनों फूलों को उनकी पूजा में अवश्य शामिल करें। भले ही आप फलों से भगवान शिव का श्रृंगार कर रहे हैं लेकिन पुष्प माला उन्हें अवश्य अर्पण करें।
  • उसके बाद भगवान शिव के शिवलिंग के चारों तरफ फलों और फूलों से उनका श्रृंगार करें। भगवान शिव का अभिषेक दूध दही घी शक्कर से करें। भगवान शिव के ऊपर फूलों की माला अर्पण करें। श्रृंगार के बाद भगवान को मीठे का भोग लगाएं भगवान की आरती करें। भगवान शिव के श्रृंगार का प्रसाद अगले दिन भक्तों को प्रदान किया जाता है । या जाता है आप सोच कर देखिये भोले नाथ अपने पास कुछ नहीं रखते सब हम भक्तों में बाँट देते हैँ ।
  • जब तक भगवान शिव का श्रृंगार हो तब तक मन में ओम नमः शिवाय का जाप करें आप जितना भगवान शिव के जप में और श्रृंगार में खुद को तल्लीन कर लेंगे उतना सांसारिक दुखों से दूर होते जाएंगे एक अलग ही आत्मिक शांति और ऊर्जा का अनुभव आप करेंगे।

अपने व अपने बच्चों के जन्मदिन व वैवाहिक वर्षगांठ पर और अन्य शुभ कार्यों में अवश्य कराएं रुद्राभिषेक व भगवान शिव का श्रृंगार 

जब आप शिव मंदिर में प्रवेश करेंगे तो वहां की ऊर्जा आपकी सारी अशांति आपके सारे दुखों का हरण कर लेगी। अगर मेरी बात पर विश्वास नहीं होता तो एक बार भगवान शिव के मंदिर में सुबह शाम आरती के समय जाकर देखिए। घंटे की ध्वनि, डमरू की लगातार बजती धुनें आपको किसी दूसरे लोक में ही पहुंचा देंगी। 

आप जब मंदिर में ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए इन पूजा, जप, अनुष्ठानों को करेंगे तो आप अपने अंदर एक नयी अलौकिक दिव्य ऊर्जा का अनुभव करेंगे और आप देखेंगे कि आपके बच्चे खुद दुगने उत्साह और उमंग से भगवान शिव का श्रृंगार, रुद्राभिषेक कर रहे हैं। और सीख रहे हैं खुश होना अपने ईष्ट के साथ ।भगवान भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामना को पूर्ण करेंगे 

 

 

 

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